गाजियाबाद : लोग अपने विजिटिंग कार्ड का इस्तेमाल सामने वाले व्यक्ति को अपना परिचय देने के लिए करते हैं | परन्तु गाजियाबाद के डॉक्टर गोस्वामी को नगर आयुक्त को विजिटिंग कार्ड दिखाना भरी पड़ गया | दरअसल, पटेल नगर में रहने वाले डॉ. मनोज गोस्वामी नगर आयुक्त से मिलने उनके कार्यलय पहुंचे और अपना परिचय देने के लिए उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड नगर आयुक्त को दिखाया | जिसे देखते ही नगर आयुक्त ने 500 रुपये जुर्माना लगा दिया। डॉक्टर ने पहले जुर्माना जमा किया, फिर अपनी समस्या बताई।
डॉ. मनोज गोस्वामी बुधवार को उनके घर के सामने बने रैंप न तोड़ने की गुहार लेकर अपने एक परिचित के साथ नगर आयुक्त दिनेश चंद्र सिंह से मिलने पहुंचे थे।
डॉ. साहब ने परिचय के लिए नगर आयुक्त को अपना विजिटिंग कार्ड दिया। इसे देखते उन्होंने कहा कि डॉक्टर साहब आपको तो पता है कि गाजियाबाद में प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित है। आपका कार्ड प्लास्टिक का है। इसलिए 500 रुपये जुर्माना देना होगा।
नगर निगम पटेल नगर सेकंड में रैंप तोड़ने के लिए अभियान चला रहा है। छबीलदास स्कूल के सामने काफी लोगों ने सड़क तक रैंप बना रखा है। सिटी जोन प्रभारी मकानों के सामने बने रैंप तोड़ने के लिए घोषणा कराई है। इसी सिलसिले में डॉ. गोस्वामी नगर निगम पहुंचे थे।
डॉ. गोस्वामी ने पहले जुर्माना राशि दी और नगर आयुक्त ने रसीद काटकर उन्हें थमाई। बाद में उन्होंने अपनी समस्या बताई। डॉ. गोस्वामी ने कहा कि वह अपने मकान का रैंप खुद तोड़ लेंगे। नगर आयुक्त ने सिटी जोन प्रभारी सुधीर कुमार शर्मा को इससे अवगत कराया और कहा कि डॉक्टर का रैंप न तोड़ें।
अधिकारी ने बताया कि यूपी में 2016 में 50 माइक्रॉन से कम की पॉलिथीन का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया गया था। अक्टूबर, 2018 में प्रदेश में हर प्रकार की पॉलिथीन, प्लास्टिक का कैरी बैग, थर्माकॉल समेत प्लास्टिक से बने अन्य बर्तनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इनका इस्तेमाल करने पर संबंधित सक्षम अधिकारी को 100 से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार है, जो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट-2016 के संशोधित एक्ट-2018 के तहत निगम को दिया गया है। चूंकि डॉक्टर का कार्ड प्लास्टिक का था इसलिए उस पर जुर्माना लगाया गया है।